लाखों तारे आसमान मे, मगर मैं, फिर भी ढूढ़ूँ अपना “आकाश”…………..
भाई मुस्कुराते रहना
गुज़री जो तुम्हारे साथ,वो सब एक सपना सा लगता है,
छोड़ आया हूं जो भी, वो सब, अब भी अपना सा लगता है,
मौजूद हूं तुम्हारे साथ, हर पल हर वक्त ब-शक्ले रूह मैं,
चुनने को तुम्हारी आंखों से मोती, हाथ बढ़ने सा लगता है…..
न रोना कि ये दस्तूरे जहां है, बदला नहीं जाता कभी,
नसीब का लिखा तो एक, पत्थर की लकीर सा लगता है…..
पत्ते सभी शाखों के, खिजाओं का इंतज़ार तो नही करते,
बहारों में ही टूटना, किसी पत्ते का नसीब सा लगता है…..
आँखें तुम्हारी ही नहीं, मेरी भी उस राह पर लगी हैं,
वो रास्ता, जो मुझे तुम तक ले जाता सा लगता है…..
ऐसा नहीं कि आँखें मेरी नम नही, जुदाई के ग़म से,
पोंछे जो अश्क मेरे, वो हाथ, बहुत दूर सा लगता है…..
मेरे खुदा, मेरे भगवान, मेरे भाई, तुम्हारी याद बहुत आती है,
तुमसे बिछड़ना भी मुझको, बे – कर्द गुनाह सा लगता है…..
(टाइगर)